- विद्यार्थियो, संसार में हरेक व्यक्ति का अपना-अपना व्यक्तित्व होता है। कई लोगों का व्यक्तित्व प्रभावशाली और प्रशंसनीय होता है और अन्य लोगों का मध्यम या अधम अर्थात् सामान्य या अपराधिक एवं क्लेषकारी! कई व्यक्तियों के व्यक्तित्व में समाकलन, सामंजस, समायोजन, संतुलन और पूर्णता होती है और अन्य कई लोगों का मन विभाजित असन्तुलित, अव्यवस्थित और अयुक्त होता है। जो मनुष्य सदाचारयुक्त, सबसे मित्रतापूर्ण एवं प्रेम से व्यवहार करने वाला गुणग्राहक, विनोदप्रिय, हर्षितचित्त, सेवाप्रिय, शालीन, स्वमान में स्थित और दूसरों को सम्मान देने वाला, नम्रचित्त, धैर्यवान तथा संतोषी होता है, वही महान व्यक्तित्व का स्वामी माना जाता है। अत विद्यार्थियो, आप भी अपने व्यक्तित्व का इस प्रकार विकास करो। इन सद्गुणों, सद्वृत्तियों तथा सद्व्यवहारों को जीवन में अपनाओ और सदा सुख पाओ तथा संसार में सुख बढ़ाओ।
आपका प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में तहे दिल से स्वागत है।